लाइफस्टाइल
10 आदतें जो आपको बर्बाद कर सकती हैं!
हेलो दोस्तों! कैसे है आप सब लोग! आज हम एक और महत्वपूर्ण विषय पर बात करेंगे जो हम सब के लिए जान ना बोहत ज़रूरी है। अगर आप अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते तो कृपया इस लेख को अंत तक पढ़े और अपने सभी मित्रो और घर वालो साथ ज़रूर शेयर करे। तो चलिए शुरू करते है!
आज हम इस लेख में बात करेंगे 10 ऐसी आदतों के बारे जो हमारी ज़िंदगी को बर्बाद कर सकती हैं। जी हाँ दोस्तों जीवन में आदतों का बहुत बड़ा महत्व है। अच्छी आदतें हमें सफलता की ओर ले जाती हैं, जबकि बुरी आदतें हमें पीछे धकेल देती हैं। और आज समय में पीछे रहना मानो ज़िन्दगी में हारने के बराबर है। आइए जानते हैं उन आदतों के बारे में जो हमारी प्रगति में बाधा डाल सकती हैं और हमें कैसे उनसे बचना चाहिए।
10 Aadate Jo Aapko Barbaad Kar Sakti Hai: |
1. टालमटोल करना (Procrastination):
सबसे पहली आदत टालमटोल करना यानि काम को कल पर टालना। यह एक बहुत ही सामान्य आदत है जो हममें से कई लोगों में होती है। जब भी हम कोई महत्वपूर्ण काम करने की बजाय उसे बाद के लिए टाल देते हैं, तो असल में हम अपनी प्रगति को रोकते हैं। इससे न केवल काम का बोझ बढ़ता है, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। काम को टालने से समय सीमा पास आने पर तनाव बढ़ सकता है, जिससे काम को सही तरीके से पूरा करना मुश्किल हो जाता है और अंतिम परिणाम भी खराब हो सकता है। आईये जानते है इस बुरी आदत को कैसे बदले।
कैसे बचें:
इस आदत को रोकने के लिए कामों की प्राथमिकता तय करें और उसको को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें और एक-एक करके करें।। समय प्रबंधन करें और खुद को प्रोत्साहित करें कि समय पर काम पूरा करें। ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहें, जैसे कि मोबाइल फोन और सोशल मीडिया। किसी दोस्त या परिवार के सदस्य से अपनी प्रगति के बारे में बात करें, ताकि आप जवाबदेह रहें। अगर आपको भी टालमटोल करकने के आदत है तो आज ही निर्णय ले इसे बदले।
2. नकारात्मक सोच (Negative Thinking):
नकारात्मक सोच हमें हर चीज़ में केवल बुरा ही दिखाती है। जब हम हमेशा नकारात्मक ही सोचते हैं, तो हमारा आत्मविश्वास कम हो जाता है और हम खुद को अयोग्य महसूस करने लगते हैं। नकारात्मक सोच से आपका तनाव और चिंता बढ़ जाती है, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य खराब हो सकता है, काम करने की क्षमता कम हो जाती है, और कई बार तो आपके रिश्तों में भी खटास आ सकती है।
कैसे बचें:
सकारात्मक सोच विकसित करें। अपने आस-पास के सकारात्मक लोगों से जुड़ें और खुद को प्रेरित रखें। अच्छी नींद लें, सही पोषण खाये, दूसरों की मदद करे इस से आपको ख़ुशी मिलेगी, किसी हॉबी को खेल को अपनाएं, इससे आपका मन प्रसन्न रहेगा। आशा करता हु इन तरीकों को अपनाकर आप नकारात्मक सोच से छुटकारा पालोगे।
YouTube या Facebook पर अच्छे और motivational वीडियोस देखे, एक्सरसाइज या मेडिडेशन करे, किताबें पढ़े अगर आपको किताबें पढ़ना पसंद है तो मई आपको ज़रूर रेकमेंड करूंगा “Nepoleon Hill” की किताब Positive Thinking जो हिंदी ट्रांसलेशन के साथ अवेलेबल है Amazon पर।
3. अस्वास्थ्यकर खान-पान (Unhealthy Eating Habits):
अस्वास्थ्य खाना न केवल हमारे शारीरि को प्रभावित करता है, बल्कि हमारे मानसिक रूप पर भी असर डाल सकता है। जंक फूड और तली-भुनी चीजें से बना भोजन हमारा वज़न बढ़ता है और हमारे शरीर को भी कमजोर बना देता हैं। पौष्टिक खाना न खाने से आपको थकान और ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। ऐसे खाने हमारी तबियत या मूड में बदलाव और चिड़चिड़ापन आ सकता है। तो इस से कैसे बचे आइये जानते है।
कैसे बचें:
सबसे पहले तो संतुलित आहार यानि के (balanced diet) लें। ताजे फल, सब्जियाँ, और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का आनंद ले, एक बार में ज्यादा खाने की बजाय छोटे-छोटे हिस्से खाएं, जब भूक लगे तभी खाये, एक सही समय तय करे और रोज़ाना उसी समय पे खाये, ज़्यादह से ज़्यादह पानी पिएं, यह आपके शरीर को हाइड्रेट रखता है और भूख कम करता है, जंक फूड और बहार का खाना कम करदे, खाने की चीज़ों के लेबल पढ़ें और नए और हेल्दी रेसिपी ट्राई करें, बस अपनी इस आदत को धीरे-धीरे बदलें और एक स्वस्थ जीवन जीने की कोशिश करे।
4. आलस्य (Laziness):
आलस एक सामान्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यह व्यक्ति की क्रियाशक्ति को कमजोर कर देता है और उन्हें काम करने से रोकता है। आलस्य हमारी प्रगति का सबसे बड़ा दुश्मन है। जब हम आलसी होते हैं, तो हम अपने समय और ऊर्जा का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते। आलस का मुख्य कारण अक्सर मानसिक और शारीरिक थकान हो सकती है। जब तक व्यक्ति अपने विचारों को नहीं बदलता, आलस उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुंचने से रोक सकता है।
कैसे बचें:
आलस से बचने के लिए नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार का सेवन करना महत्वपूर्ण है। ये चीजें शरीर को सक्रिय रखती हैं और आलस को दूर करती हैं। नए लक्ष्यों को निर्धारित करें और उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध रहें, ऐसा करने से आप आलस को दूर कर सकते हैं।
5. अनियमित नींद (Irregular Sleep Patterns):
नींद हमारे स्वास्थ्य के लिए बोहत ही ज़रूरी है दोस्तों। काम नींद के कारन हमारा शरीर और मस्तिष्क दोनों प्रभावित होते हैं। अनियमित नींद का मतलब है कि आपका सोने का शेड्यूल फिक्स्ड नहीं है। कभी रात को देर तक जागते हो और कभी जल्दी सो जाते हो, या फिर दिन में सो लेते हो और रात को जागते हो। इससे आपकी हेल्थ पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ सकता है। आप दिन भर थकान महसूस करते हैं। आपका फोकस कम हो जाता है और प्रोडक्टिविटी गिर जाती है।
कैसे बचें:
नियमित नींद का समय तय करें और उसका पालन करें। कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। हर दिन एक ही समय पर सोएं और उठें, चाहे वीकेंड हो या वीकडे। सोने से पहले रिलैक्स होने के लिए कुछ समय निकालें।
6. व्यर्थ खर्च (Wasteful Spending):
Wasteful spending का मतलब है बिना ज़रूरत के पैसे ख़र्च करना, जैसे ग़ैर ज़रूरी shopping करना, ज़्यादह तर बहार खाना, या फिर महंगी चीज़े ख़रीदना जो आपके budget में नहीं हैं। यह आदत आपको financially कमज़ोर कर सकती है और आपके savings ख़तम कर सकती है। यह आदत आपके long-term financial goals, जैसे घर ख़रीदना, retirement planning, या बच्चों की शिक्षा, सबको मुश्किल में डाल देती है। इसलिए जैसे पैसे कामना ज़रूरी है वैसे ही पैसे बचाना भी ज़रूरी है ताकि आप financially secure रहें।
कैसे बचें:
हर महीने का budget बनाएँ और उसका strictly फॉलो करें। ज़रूरी और ग़ैर ज़रूरी चीज़ो को अलग करें और हमेशा ख़र्चा करने से पहले सोचिए कि क्या ये चीज़ वाकई ज़रूरी है। अपने Financial गोल्स सेट करें और उसके हिसाब से अपनी सेविंग्स बढ़ाएँ। ऐसा करने से आपने बह्विश्य में आने वाली कोई भी परेशानी का मुक़ाबला कर सकते हो।
7. दूसरों से तुलना करना (Comparing Yourself to Others):
हम हमेशा दूसरों की कामयाबी, उनकी ज़िन्दगी, या उनके अचीवमेंट्स से अपनी तुलना करते है। यह आदत आपके self-esteem को तकलीफ देती है और आपको हमेशा नाखुश और असंतुष्ट बनाती है। जब हम लगातार खुद की तुलना दूसरों से करते रहते हैं, तो हम अपने आत्मसम्मान को नुकसान पहुँचाते हैं। यह आदत हमें कभी संतुष्ट नहीं होने देती।
कैसे बचें:
इससे बचने के लिए खुद की तुलना केवल खुद से करें, अपने unique शक्ति और आपने ज़िन्दगी में जो हासिल किया है उस पर ध्यान दे। हर इंसान की जर्नी अलग होती है, इसलिए अपने प्रोग्रेस को अपने अतीत से तुलना करें, न कि दूसरों से। Gratitude practice करें और अपने गोल्स सेट करें जो आपके लिए असल मायने हैं।
8. गलत संगति (Bad Company):
गलत संगति में रहना हमारी सोच और आदतों को प्रभावित करता है। यह हमें गलत दिशा में ले जा सकता है। ग़लत लोगो के सोहबत के चलते आपकी वैल्यूज़ और गोल्स कमजोर हो सकते हैं। आपकी एनर्जी नेगेटिव चीज़ों पर वेस्ट होती है। इससे आपका फोकस और मोटिवेशन दोनों कम हो जाते हैं। ऐसे में आप अपनी सफलता तक नहीं पोहंच सकते।
कैसे बचें:
अच्छे और सकारात्मक लोगों के साथ रहें। उन लोगों से दूर रहें जो आपको नकारात्मकता की ओर ले जाते हैं। ज़्यादह से ज़्यादह समय अपने घर वालो और अच्छे दोस्तों के साथ बिताये।
9. निरंतर चिंता (Constant Worrying):
निरंतर चिंता करना हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक है। इससे हम अपने वर्तमान का आनंद नहीं ले पाते और भविष्य की चिंता में उलझे रहते हैं। निरंतर चिंता से आपका फोकस डिस्टर्ब होता है और आपकी प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है। आपकी एनर्जी नेगेटिव सोच पर वेस्ट होती है, जो आपको आगे बढ़ने से रोकती है।
कैसे बचें:
ध्यान (Meditation) और योग का अभ्यास करें। चिंताओं को लिखें और उनका समाधान खोजने का प्रयास करें।
10. जिम्मेदारी से भागना (Avoiding Responsibilities):
जिम्मेदारी से भागना एक ऐसी आदत है जो हमें कमजोर बनाती है। इससे हम अपने जीवन में स्थिरता और अनुशासन नहीं ला पाते। इससे आपका ग्रोथ और विकास रुक जाता है। जब आप अपनी कर्तव्यों को इग्नोर करते हैं, तो लोग आप पर भरोसा करना छोड़ देते हैं। आपके कौशल और क्षमताएँ सुधारने का मौका नहीं मिलता। ऐसे में आपकी सक्सेस की जर्नी भी धीमी हो जाती है।
कैसे बचें:
अपनी जिम्मेदारियों को पहचानें और उन्हें निभाने का प्रयास करें। छोटे-छोटे कदम उठाएं और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ें।
निष्कर्ष:
दोस्तों, ये 10 आदतें हमारी ज़िंदगी को बर्बाद कर सकती हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि हम इनसे बच सकते हैं। हमें अपनी आदतों को पहचानना होगा और उनमें सुधार करना होगा। याद रखें, हमारी आदतें ही हमें बनाती या बिगाड़ती हैं। तो चलिए, आज से ही एक नई शुरुआत करें और अपनी ज़िंदगी को सकारात्मक दिशा में ले जाएं।
अगर आपको यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर ज़रूर करें। आप अपने अनुभव और सुझाव नीचे कमेंट्स में भी लिख सकते हैं। हमें आपके विचारों का इंतजार रहेगा।
धन्यवाद!
लाइफस्टाइल
हॉस्टल में हेल्दी लाइफ जीने के बेहतरीन टिप्स – Hostel Life
तो दोस्तों, तुमने अपने कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स के लिए जो मेहनत की थी, वो रंग लाई है और एक अच्छे कॉलेज में आ गए हो। अब हॉस्टल की जिंदगी शुरू हो गई है। हॉस्टल का गुज़ारा थोड़ा मुश्किल होता है, घर के आराम और सुरक्षा से निकल के एक नई जगह, जहाँ सब कुछ खुद करना पड़ता है।
हॉस्टल में रहना तुम्हें आत्मनिर्भर बनाता है, फैसले लेने में मदद करता है, मुश्किल हालातों का सामना करना सिखाता है। लेकिन, यहाँ की सबसे बड़ी चुनौती है हॉस्टल का खाना। अध्ययनों के अनुसार लड़के और लड़कियाँ हॉस्टल्स में फल, सब्जियाँ, या ज़रूरी पोषण नहीं खाते, क्योंकि मेस में इन्हे ये सब नहीं मिलता।
इसलिए, अपने डेली रूटीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि तुम हेल्दी रह सको और deficiency, मोटापा, और कम पोषण से बच सको। पढाई करते समय नट्स और रोस्टेड ग्राम्स का सेवन करो। दूसरे स्वस्थ स्नैक्स जैसे सेब, माउस, पीनट बटर भी खा सकते हो।
कोई भी भोजन मत छोड़ो:
जरूरी नहीं के हॉस्टल का खाना हमेशा स्वादिष्ट या पौष्टिक हो, लेकिन तुम्हें अपने डेली न्यूट्रिशन की जरूरत होती है। दाल, चपाती, चावल, और सब्जियाँ खाओ। सांभर और दाल चुन सकते हो, अगर कुछ सब्जियाँ पसंद नहीं तो उन्हें छोड़ सकते हो, लेकिन जो उपलब्ध है उसे जरूर खाए।
अपने दोस्तों के साथ खाया करो:
हॉस्टल का खाना अपने रूम में ले जाकर मत खाओ। मेस में दोस्तों के साथ खाया करो अपने दोस्तों के साथ मिलके खाने से खाना ज्यादा स्वादिष्ट लगता है और ठंडा भी नहीं होता। दोस्तोंग के साथ बातें करके खाना खाने से आपकी ना पसंदीदा चीज़ पसंदीदा लगने लगती है।
स्वस्थ स्नैक्स हमेशा अपने पास रखो:
भोजन के बीच और देर रात पढ़ाई के दौरान स्वस्थ स्नैक्स खाया करो। कुछ मौसमी फल और सब्ज़िया ले लो जो ऐसे ही खा सकते हो और जिन्हें फ्रिज में रखने की जरूरत ना हो। जैसे एप्पल्स, संतरा, माउस, खीरा, जाम और अंगूर जो आप ऐसे ही खा सकते हो। ककड़ी, गाजर, टमाटर, पपीता, और आम को कट करके खा सकते हो, ये भी बोहत बढ़िया स्नैक्स हैं।
कैल्शियम और प्रोटीन लो:
कोई सुपर मार्किट से टेट्रा पैक्स ऑफ मिल्क, दही, बटरमिल्क या सोयामिल्क ले लो। ये एक बार में पीने पैक्स में मिलते हैं, इसलिए जल्दी पीलिया करो। रोज काम से काम 500ml दूध या उसके प्रोडक्ट्स लो।
स्वस्त और पौष्टिक खाना बनाना सीखो:
छुट्टी के दिन बाहर जाकर खाना मत खाओ, अपने दोस्तों के साथ कुछ अच्छी और स्वादिष्ट चीज़ बनाओ। बहार का खाना काम खाया करो वो ज़्यादह तर अस्वास्थ्यकर भोजन होता है। महीने में एक या दो बार खा सकते हो कभी कभी बहार खाने में कोई दिकत नहीं।
तो दोस्तों, हॉस्टल में भी स्वस्त रह सकते हो अगर थोड़ी कोशिश करे तो। अगर आपको ये लेख पसंद आया है तो अपने हॉस्टल के दोस्तों के साथ शेयर करो और अपने एक्सपीरियंस और टिप्स हमारे साथ शेयर करो! धन्यवाद्!
लाइफस्टाइल
यौन शिक्षा (Sex Education): बच्चों के लिए जानना क्यों है ज़रूरी?
दोस्तों, हमारे देश में आज भी सेक्स एक ऐसा विषय है जो कोई भी बात करना नहीं चाहता। कोई भी इसके बारे में खुलकर बात नहीं करता, खासकर बच्चों से। अगर हम अपने बच्चों से सेक्स के बारे में बात नहीं करेंगे, तो उनके दिमाग में sex को लेकर गलत खयालात बन सकते है, जो फिल्मों में, इंटरनेट या पोर्नोग्राफी से मिलते हैं।
याद है न, 9वीं क्लास की बायोलॉजी में रिप्रोडक्शन और रिप्रोडक्टिव हेल्थ के चैप्टर के दौरान कितना awkward silence होता था क्लास में? लड़कियाँ शर्म के मारे मुंह फेर लेती थीं और लड़के बस तस्वीर देख कर हंसने लगते थे। सेक्स हमारे शरीर का हिस्सा है, तो इस पर बात करना इतना आपत्तिजनक क्यों है?
समाज में लोगों को कामुकता और उससे जुड़ी समस्याओं के बारे में शिक्षित करना हमेशा वर्जित माना जाता रहा है। भारत के कई राज्यों में यौन शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यौन शिक्षा बच्चों के लिए खासकर के टीनएजर्स के लिए बोहत ज़रूरी है? जानिए कैसे सही जानकारी और खुला संवाद बच्चों को सुरक्षित और जिम्मेदार बना सकते हैं।
सेक्स एजुकेशन (Sex Education) क्यों ज़रूरी है?
लोग ये भूल जाते हैं कि इलाज से बेहतर रोकथाम है। Surveys के अंजाम देखकर चिंता होती है: चाइल्ड मैरिजेस, टीनएज प्रेगनेंसीज़, और HIV/STD के केस बढ़ रहे हैं। Sexual violence के केस भी दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं। ये सब देखकर समझ आता है कि सेक्स एजुकेशन कितना ज़रूरी है।
भारत में 15 से 24 साल के उम्र ग्रुप में नई HIV infections काफी हैं। चाइल्ड मैरिजेस की वजह से 47% लड़कियों को 18 साल से पहले ही सेक्सुअली एक्टिव होना पड़ता है। हर साल 200,000 से ज्यादा युवा महिलाएं और बच्चे सेक्स ट्रैफिकिंग के शिकार बनते हैं। ये चिंताजनक तथ्य हमें हमारे पाखंडी रवैया को छोड़कर यौन जागरूकता पैदा करने का महत्व समझाते हैं।
कुछ स्कूल्स सेक्स एजुकेशन वर्कशॉप्स आयोजित करते हैं, ताकि जागरूकता बढ़ सके। सेक्स एजुकेशन का मुख्य लक्ष्य ये है कि बच्चों को सेक्स के बारे में सही जानकारी दी जाए, ताकि उनकी सोच और समझ सकारात्मक हो सकें। यह एजुकेशन सेक्स के उपाय नहीं सिखाती, बल्कि उचित आयु और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील जीवन कौशल सिखाती है, जो उन्हें sexual risks से बचा सकती हैं।
सेक्स एजुकेशन को कैसे सिखाये?
भारत जैसे देश में, हम पश्चिमी (western) सेक्स एजुकेशन पैकेजेस को सीधे लागू नहीं कर सकते। हमारी संस्कृति को देखते हुए, सेक्स एजुकेशन को विभिन्न क्षेत्रों के लिए ज़रूरत के मुताबिक होना चाहिए। बड़े शहरों के बच्चों और गाँवों के बच्चों के लिए अलग रणनीतियाँ होनी चाहिए, ताकि वे ज़िम्मेदार बन सकें और जोखिमपूर्ण यौन व्यवहार से बच सकें।
अगर हमारे’ राजनीतिक नेता सेक्स एजुकेशन के परिपालन पर बेहेस करने की बजाय, परिपालन पर ध्यान दे, तो यह एक सफल कदम होगा। सरकार कुछ अनौपचारिक नीतिगत निर्णय ले सकती है और स्कूल्स में implementation शुरू कर सकती है। यौन शिक्षा प्रोग्राम सही तरह से सीखना भी महत्वपूर्ण है। लाइफ स्किल्स एक्सपर्ट्स और एजुकेशनलिस्ट्स, जो सांस्कृतिक विविधता को समझते हैं, उनकी मदद से एक अच्छी रणनीति तैयार की जा सकती है।
स्कूल में यौन शिक्षा की लागू करे?
सेक्स एजुकेशन में physiological, psychological, और social मुद्दों को कवर करना ज़रूरी है, खासकर जब यह academic syllabus का हिस्सा बन रहा हो। स्कूल्स में सेक्स एजुकेशन की सफलता टीचर्स पर निर्भर करती है। उन्हें स्टूडेंट्स के साथ अच्छा रिपोर्ट बनाना पड़ेगा और इस टॉपिक की शर्मिंदगी को संभालना पड़ेगा।
तो एक अच्छा सा यौन शिक्षा प्रोग्राम, जो विशेष रूप से भारतीय छात्रों के लिए हो, सेक्स या कंडोम्स के उपयोग को समर्थन नहीं करता। इसका मुख्य लक्ष्य जिम्मेदार वयस्क (adults) बनाना है। अगर बच्चों को सही जानकारी नहीं मिलेगी, तो वे नए दुनिया में दाखिल होने के बाद उनकी व्यवहार और भी मुश्किल हो सकता हैं।
स्कूलों में अच्छी यौन शिक्षा और माता-पिता और बच्चों के बीच सही संवाद से सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता हैं।
दोस्तों आपका इस के बारे में क्या सोचते है हमें कमेंट करके ज़रूर बताये।
लाइफस्टाइल
पुरुषों को अच्छा और अट्रैक्टिव दिखने के 11 आसान टिप्स
दोस्तों आज कल के टाइम अच्छा दिखना बोहत ज़रूरी और अच्छा दिखना मुश्किल नहीं है और आप अपने लुक और पर्सनालिटी को कुछ ही दिनों में बिना ज्यादा समय और पैसे खर्च किए सुधार सकते हैं। नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपको को आकर्षक और बेहतर दिखने में मदद करेंगे आइये देखते है।
1. रोज़ 8-10 घंटे की नींद: दोस्तों सबसे पहले ज़रूरी है के आप 8-10 घंटे की नींद लें यह आपके शरीर के लिए बोहत ज़रूरी है क्योंकि इससे आपकी सूरत फ्रेश और आप चुस्त दिखोगे और पूरी’नींद करने पर आपका शरीर और दिमाग अपने सर्वश्रेष्ठ पर होता है। नींद की कमी से आपका दिमाग धीमे चलने लगता है और आपका लुक भी खराब हो जाता है। तो रोज़ाना काम से काम 8 से 10 घंटे की नींद ज़रूर ले।
2. सीधे खड़े और बैठे रहे: दोस्तों हमेशा सीधे खड़े या बैठने की आदत डाले इससे आप ऑटोमेटिक पतले और कॉन्फिडेंट दिखेंगे अपने आप को भी और दूसरों को भी। सीधे खड़े होने से आपका पोस्चर भी सुधरता है और जिनको बैक पैन की शिकायत है उनको इस टिप से फ़ायदा होगा।
3. ज़्यादा पानी पिएं: हम सब को रोज़ाना कम से कम 8 गिलास या 3-4 लीटर पानी ज़रूर पीना चाहिए। इससे आपकी त्वचा हाइड्रेटेड और ग्लोइंग रहेगी, और आपका पाचन भी अच्छा होगा। यह टॉक्सिन्स निकालने में मदद करता है और समग्र स्वास्थ्य को सुधारता है।।
4. फल और सब्जियां खाएं: आपको रोज़ाना ताज़े फल और सब्ज़िया खाना चाहिए जिस से आपको संतुलित आहार जिसमें सही मात्रा में पोषक तत्व हों जो आपको जवान और स्वस्थ बनाए रखें। ताजे फल और सब्जियां आपकी त्वचा को प्राकृतिक चमक देते हैं।
5. खुशबू लगाए: हमेशा एक फ्रेगरेंस लगाएं। लोग उन लोगों की ओर आकर्षित होते हैं जो अच्छी खुशबू लगते हैं। इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है और आप अपने आप में फ्रेश महसूस करेंगे।
6. अपनी त्वचा का ख्याल रखें: अपना चेहरा दिन में कम से कम दो बार धोएं और अपनी त्वचा का अच्छे से ख्याल रखें। हफ्ते में एक बार एक्सफोलिएटर का इस्तेमाल करें ताकि डेड स्किन निकल जाए। अच्छी क्वालिटी का सनस्क्रीन लगाएं ताकि सूरज के नुकसानदेह प्रभावों से त्वचा बची रहे।
7. व्यायाम करें: व्यायाम से आपका शरीर फिट रहेगा और आप अच्छे दिखेंगे। रिसर्च से पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, वे न केवल लंबा जीते हैं बल्कि खुश और अच्छे भी दिखते हैं।
8. चीजों का पॉजिटिव वे में देखें: गुस्से से जल्दी झुर्रियां आती हैं और आपका लुक भी कम आकर्षक लगता है। हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखें। आपका सोचने का तरीका आपके लुक पर भी प्रभाव डालता है।
9. स्मोकिंग छोड़ दें: अगर आप स्मोक करते है तो ये जान लीजिये के स्मोकिंग से कई फ्री रेडिकल्स रिलीज होते हैं जो आपके शरीर और त्वचा के लिए अच्छे नहीं होते। जितनी जल्दी हो सके स्मोकिंग छोड़ने की कोशिश करें।
10. खुद को व्यस्त रखें: नए चीजों में संलग्न रहें। किसी खेल में शामिल हों या कोई नई स्किल सीखें। आप सोशल वर्क भी कर सकते हैं दूसरों की मदद करने के लिए। अच्छी चीज़ करने या समुदाय की ज़रूरतों से जुड़ने का सुख अनोखा होता है अगर हो सके तो ये कार्य ज़रूर करे।
11. मुस्कुराएं: और आखिर में, अपने चेहरे पर हमेशा मुस्कान रखें। मुस्कुराने से आप जवान दिखते हैं। गुस्से से जल्दी झुर्रियां आती हैं और आपका लुक अनाकर्षक लगता है। खुशी अंदर से आती है, तो खुश रहिए, और अच्छे दिखते रहिए।
आज ही इन टिप्स को आजमाएं और खुद में बदलाव महसूस करें! Dhanyawaad
-
जीके4 years ago
आयुष्मान भारत योजना (MP-JAY) प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
-
फॅमिली टाइम4 years ago
ताश का खेल 6 बेस्ट इंडियन Tash Patti Card Games List in Hindi
-
फॅमिली टाइम4 years ago
शतरंज के नियम (Chess Rules) शतरंज खेल के रूल्स और नियम in Hindi
-
जीके4 years ago
मप्र उच्च न्यायालय केस की स्थिति सूची ऑनलाइन कैसे चेक करें
-
लाइफस्टाइल3 months ago
Flat Tummy: फ्लैट टमी पाने के लिए Dr. के सुझाये 10 आसान तरीके अपनाये
-
फैशन3 months ago
3 Best Monsoon Hairstyle: जल्दी बनने वाली और बारिश में भी टिकने वाली हेयरस्टाइल
-
ट्रेंडिंग1 year ago
2024 के अंत तक ChatGPT का दिवाला निकल सकता हैं: Analytics India Magazine
-
जीके3 years ago
इलाहाबाद उच्च न्यायालय केस की स्थिति कैसे चेक करें?